गाजा में तत्काल युद्धविराम चाहता है भारत, संरा महासभा में मसौदे के पक्ष में किया मतदान
#India wants immediate ceasefire in Gaza, voted in favor of the draft in the UN General Assembly
काहिरा। इजरायल और हमास के बीच युद्ध रोकने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। दुनिया के कई देशों ने इसके लिए लगातार प्रयास किए है। अब भारत ने भी शांति के लिए अपना समर्थन दिया है।भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें इजराइल-हमास संघर्ष में तत्काल युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को यहां एक आपातकालीन विशेष सत्र में मिस्र द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव को अपनाया। प्रस्ताव को पक्ष में 153 वोटों के साथ अपनाया गया, जबकि 23 देश अनुपस्थित रहे और 10 ने खिलाफ वोटिंग की।
भारत के अलावा अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव में गाजा में तत्काल युद्धविराम का समर्थन किया है। इसमें मांग दोहराई गई कि सभी पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें। इसने सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने की भी मांग की। हालांकि, प्रस्ताव में हमास का नाम नहीं था और अमेरिका ने मसौदा प्रस्ताव में एक संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसमें पैराग्राफ को सम्मिलित करने का आह्वान किया गया। 7 अक्टूबर 2023 से इजराइल में होने वाले हमास द्वारा किए गए जघन्य आतंकवादी हमलों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है और इसकी निंदा करता है। भारत ने संशोधन के पक्ष में मतदान किया।
अक्टूबर में, भारत ने महासभा में उस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी, जिसमें इजराइल-हमास जंग में संघर्ष विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का आह्वान किया गया था। जॉर्डन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में पूरे गाजा पट्टी में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के तत्काल, निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध प्रावधान की भी मांग की गई थी। यूएनजीए में मंगलवार को मतदान तब हुआ जब 15 देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इजराइल-हमास संघर्ष पर एक प्रस्ताव को अपनाने में विफल रही। इसमें स्थायी सदस्य अमेरिका के वीटो करने के बाद तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी। संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पेश किए गए यूएनएससी प्रस्ताव को 90 से अधिक सदस्य देशों का समर्थन मिला, जिसके पक्ष में 13 वोट मिले, जबकि यूके अनुपस्थित रहा। 7 अक्टूबर को हमास और अन्य फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों में 33 बच्चों सहित 1,200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) के अनुसार, अब तक कम से कम 18,205 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
#ekaawaz, #todeynews, #latestnews, #world,
Tags
world