प्रदेश महासचिव की चाकुओं से गोदकर हत्या, पुलिस अफसर पर गिरी गाज

  • प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर है।
संतकबीरनगर: सुभासपा (SBSP ) महिला मंच की प्रदेश महासचिव नंदिनी राजभर हत्याकांड के बाद संतकबीरनगर प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर है। इस घटना को लेकर पिछले दो दिन खलीलाबाद का माहौल गर्म रहा। पुलिस ने पांच लोगों पर हत्या का केस दर्ज कर तीन को गिरफ्तार किया है। वहीं, नंदिनी समर्थक शव रोककर आरोपितों को गांव में घुमाने की मांग कर रहे थे। काफी मान-मनौवल हुई तब दोपहर बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शव को आमी किनारे दफनाया गया। पोस्टमार्टम में बेरहमी से हत्या की बात सामने आई है।

खलीलाबाद कोतवाली के डीघा गांव की नंदिनी राजभर की भूमि विवाद में रविवार शाम हत्या कर दी गई थी। आईजी ने कोतवाल बृजेन्द्र पटेल को अपने कार्यालय से संबद्ध कर दिया,जबकि औद्योगिकनगर पुलिस चौकी इंचार्ज को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है। जांच के लिए बस्ती एएसपी के नेतृत्व में एसआईटी गठन के निर्देश दिए हैं। एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि पांच आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। इन आरोपितों में श्रवण यादव, ध्रुव यादव, पन्नेलाल यादव, निर्मता व आनंद यादव शामिल हैं। श्रवण यादव पहले से जेल में है। ध्रुव यादव, पन्नेलाल यादव व महिला निर्मता को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सुभासपा नेता नंदिनी राजभर की हत्या के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए जिले की पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पोस्टमार्टम के बाद करीब आठ घंटे तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था। लेकिन प्रशासन व सुभासपा नेताओं की पहल पर दोपहर बाद शव का अंतिम संस्कार हो सका। सुभासपा नेता नंदिनी राजभर की हत्या रविवार को हो गई थी। इस घटना की जानकारी होने पर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इस दौरान सभी ने यही कहा कि जिन लोगों ने यह हत्या की है उनको गिरफ्तार करने पर ही हम लोग शव को घर से बाहर निकालेंगे। प्रशासन व ग्रामीणों के बीच करीब पांच घंटे तक शव का पीएम कराने की बातचीत होती रही। वहीं, आईजी, डीएम, एसपी डीघा पहुंचकर परिजनों से बातचीत की। लगभग पौने 11 बजे पुलिस शव शव का पीएम कराने के लिए लोगों को राजी कर ले गई। पुलिस देर रात में ही पोस्टमार्टम करवा कर लगभग चार बजे शव का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों को सौंप दिया। शव गांव पहुंचने के बाद फिर सभी का सुर बदल गया। अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के बजाय शव रखकर सभी यह मांग करने लगे कि जिन लोगों को पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है उनको गांव में लाया जाय। उसके बाद हम लोग शव का अंतिम संस्कार करेंगें। सुभासपा के जिलाध्यक्ष उमेश राजभर, बस्ती से आए सुभासपा के नेताओं के साथ डीएम व एसपी की पहल पर काफी देर बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।

सपा महासचिव रामअचल राजभर की अगुवाई में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल को गांव जाने से पुलिस ने रोक दिया। गांव जाने की जिद पर अड़े सपा प्रतिनिधिमंडल की डीघा चौराहे पर पुलिस से नोकझोंक हुई। सपा महासचिव को पुलिस ने हिरासत में लेकर डाक बंगले पहुंचा दिया। करीब साढ़े तीन बजे प्रशासन ने एक गाड़ी से सपा नेताओं के डीघा गांव जाने की अनुमति दी। सपाइयों ने पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया और 50 लाख रुपये आर्थिक मदद देने की मांग की।


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