भोपाल । राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में इलाज के लिए आने वाले मरीज को यहां के चिकित्सक पांच दिन से ज्यादा की दवाइयां नहीं लिखेंगे। इसको लेकर हमीदिया प्रबंधन का कहना है कि अभी तक डॉक्टर्स बेवजह एक से दो महीने की एंटीबायोटिक दवा लिख दिया करते थे। इसके चलते मरीजों को दूसरी परेशानी शुरू हो जाती थी।
एंटीबायोटिक उपयोग कम करने का प्रयास
बता दें कि हमीदिया अस्पताल में अक्सर दवा की चोरी होने और स्टोर दवाइयों की एक्सपायरी डेट हो जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसे रोकने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने अब दवाइयों का वितरण ऑनलाइन कर दिया है। इसको हेल्थ इंफॉर्मेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दिया गया है। इसके शुरू होने से जो दवाएं सेंटर पर एक महीने में खत्म हो जाती थी, अब वो तीन-तीन महीने चल रही हैं। अब हर मरीज की आईडी जनरेट हो रही है। इसके अनुसार ही दवाएं दी जा रही हैं। बिना आईडी के कोई दवा नहीं दी जाएगी।भर्ती मरीज का पूरा रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन
हमीदिया अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीज का रिकॉर्ड मैनुअल से डिजिटल फॉर्म में बदलने काम शुरू हो गया है। यदि कोई मरीज वार्ड में भर्ती है तो उसका पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन देखा जा सकता है। उसकी कौन-कौन सी जांच हुई, इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है। मरीज की मैनुअल रिपोर्ट गुमने के बाद भी ऑनलाइन डेटा रहता है। इससे मरीज को बार-बार परेशान नहीं होना पड़ता है। साथ ही अस्पताल में मरीजों को इलाज के पर्चे लेकर एक डिपार्टमेंट से दूसरे के बीच नहीं भटकना पड़ेगा, जिस डिपार्टमेंट संबंधित डॉक्टर को दिखाना है। उसके लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा शुरू हो जाएगी। जीएमसी की वेबसाइट पर इसकी लिंक दी जाएगी। यहां पर सेलेक्ट करने के बाद ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर डॉक्टर को दिखा सकेंगे। हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन का कहना है कि ऑनलाइन टेस्टिंग काम पूरा हो गया है। कियोस्क सेंटर से ऑनलाइन पर्चे बनवाया जा सकता है। सुविधा शुरू होने से मरीजों को पर्चे बनाने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।
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