विशेष न्यायाधीश निशा गुप्ता की अदालत ने मासूम से दुष्कर्म के आरोपित जबलपुर निवासी कल्लू उर्फ सुनील कोरी का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ आजीवन कारावास की सजा सुना दी। साथ ही आठ हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। पीड़िता के हक में एक लाख रुपये प्रतिकर राशि भुगतान का भी राहतकारी निर्देश दिया गया।
अभियोजन की ओर से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पीड़िता की मां 20 जून, 2021 को सुबह नौ बजे घर पर तीन बच्चों को छोड़करी काम पर चली गई थी। शाम छह बजे लौटी। इसी के साथ पड़ोसन ने बताया कि आरोपित ने तुम्हारी मासूम बेटी के साथ दुष्कर्म किया है।
वह भाग गया है। भीतर जाकर देखने पर पाया गया कि मासूम बिस्तर पर बेहाल पड़ी थी। वह रो रही थी। पूछने पर बताया कि आरोपित ने शाम पांच बजे गोद में उठाकर भीतर वाले कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। यह जानकारी पीड़िता की मां ने मोबाइल पर अपने पति को दी।
लिहाजा, पति-पत्नी दोनों मासूम को लेकर पनागर थाने पहुंचे। जहां उसने बताया कि आरोपित के हाथ में काटकर पीड़िता किसी तरह दरवाजे की चिटकनी खोलकर भागी थी। उसने पड़ोस वाली दीदी को पूरी बात बता दी थी। अदालत ने दोष साबित पाकर सजा सुना दी।
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