बोरिया-बिस्तर बांधकर गायब होने लगे नर्सिंग कॉलेज


भोपाल । मप्र में नर्सिंग कॉलेजों की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नर्सिंग काउंसिल को भंग करने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार इस पर जल्द फैसला ले सकती है। उधर, सरकार के सख्त रूख को देखते हुए नर्सिंग कॉलेज संचालकों में भी दहशत है। सरकार ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की दोबारा जांच का निर्देश दिया है। इसका असर यह देखने को मिल रहा है कि अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग कॉलेज बोरिया-बिस्तर बांधकर गायब होने लगे हैं।

गौरतलब है कि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रूख दिखाया है। सरकार की कार्रवाई के डर से बिना भवन, फैकल्टी और गलत पतों पर संचालित होने वाले नर्सिंग कॉलेज खुद ही बंद होने लगे हैं। नर्सिंग कौंसिल द्वारा किए जा रहे पत्राचार से यह खुलासा हुआ है। प्रदेशभर के 600 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की जांच दोबारा कराए जाने की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। इससे पहले सीबीआई ने प्रदेश के 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच की थी। इनमें से 169 कॉलेजों को क्लीन चिट मिल गई थी और 65 कॉलेजों को अनफिट बताया था। इन कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता अब समाप्त हो चुकी है। बचे 73 कॉलेजों को अपनी कमियों को दूर करने के लिए 1 जून तक समय दिया गया था, लेकिन अब तक इन कॉलेजों ने अपनी कमियों को दूर नहीं किया है।

कई कॉलेजों में खमियां ही खामियां

प्रदेश में कमियों वाले कॉलेजों की मान्यता पहले शिक्षण सत्र 2021-22 में समाप्त हो गई थी। दोबारा इन कॉलेजों को मान्यता देने के लिए कमियां वाली सूची में डाला गया था। भोपाल के डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ नर्सिंग में 100 बिस्तर के कम बेड का अस्पताल था। डॉ. एसपी सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड मैनेजमेट भोपाल में यही कमी थी। इसी तरह राजधानी के हमदर्द कॉलेज ऑफ मेडिकल सांइस में डुप्लीकेट फैकल्टी पाई गई थी, जिसके आधार पर इसकी मान्यता समाप्त हुई थी। आईकॉन नर्सिंग कॉलेज भोपाल में भी डुप्लीकेट फैकल्टी और अस्पताल की कमी मिली थी। भोपाल के जय हिंद कॉलेज और जेएसआर ग्लोबल ऑफ नर्सिंग ने भी डुप्लीकेट फैकल्टी के आधार पर मान्यता ली थी। इसके अलावा राजधानी के केएनपी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कृष्णा देवी कॉलेज ऑफ नर्सिंग में भी इसी तरह की कमियां मिलीं।

कॉलेजों की मान्यता पर कोई निर्णय नहीं

एक तरफ सरकार नर्सिंग कॉलेजों की जांच करा रही है, वहीं दूसरी तरफ इन कॉलेजों की मान्यता को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। मान्यता की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। कॉलेजों को भेजे पत्र आ गए वापस नर्सिंग कौंसिल ने खामियों वाले 73 कॉलेजों को कमियां दूर करने का समय दिया था। इसके लिए सभी कॉलेजों को पत्र भी भेजे गए थे। इनमें से कई कॉलेजों के पत्र नर्सिंग कौंसिल में वापस आ गए हैं। मान जा रहा है कि ये कॉलेज कार्रवाई के डर से अपने-आप ही बंद हो रहे हैं। कई कॉलेज अपने बताए हुए पतों पर संचालित नहीं हो रहे हैं। नर्सिंग कौंसिल में महादेव नर्सिंग कॉलेज सीहोर का पत्र वापस आ गया है। इसी तरह रायसेन के एक्यूरेट नर्सिंग कॉलेज का पत्र भी नर्सिंग कौंसिल के पास वापस आ चुका है। इस तरह के और भी कई कॉलेज हैं, जिन्होंने अपनी कमियों को दूर करने संबंधी दस्तावेज अब तक नर्सिंग कौंसिल को नहीं सौंपे हैं।
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