सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों पर मालिक का नाम लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर रोक लगा दी है। इस निर्णय का विपक्षी दलों ने स्वागत किया है और योगी सरकार की आलोचना की है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। इस तरह की कार्रवाई को रोकना चाहिए। सरकार ऐसे कई कदम उठाएगी, क्योंकि जब सांप्रदायिक राजनीति खत्म हो जाएगी, तो ये लोग ऐसा ही करेंगे।"
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के स्टे का स्वागत करते हुए कहा, "यह असंवैधानिक था और कांग्रेस पार्टी सहित पूरे विपक्ष ने इसका विरोध किया। हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री अपने मुख्यमंत्रियों को उनके 'राज धर्म' के बारे में जागरूक करेंगे और उन्हें इन असंवैधानिक कदमों में शामिल होने से रोकेंगे।"
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "यह निर्णय बहुत गलत था। मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले का संज्ञान लिया और एक महत्वपूर्ण फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट देश में सामाजिक सद्भाव से कभी समझौता न होने दें।"
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "मुझे लगता है कि यह सुप्रीम कोर्ट का बहुत ही अच्छा फैसला है। इससे दूरगामी संदेश जाएगा। देश में सद्भाव और सामाजिक एकता आएगी। राजनीतिक लाभ के लिए खड़ा किया गया यह अनावश्यक विवाद समाप्त हो जाएगा। मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उसने एक अच्छा निर्णय लिया है।"
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